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वियतनाम से भी खतरनाक हैं गाजा की सुरंगें, इजरायल के लिए आसान नहीं जमीनी हमला, जानें क्यों

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तेल अवीव: हमास के हमले के बाद इजरायली सेना अब गाजा पट्टी में जमीनी सैन्य कार्रवाई की तैयारी में है। इसके तहत लगभग 1 लाख इजरायली सैनिक टैंक, आर्मर्ड व्हीकल समेत दूसरे सैन्य संसाधनों से लैस होकर गाजा में प्रवेश करेंगे। इजरायली सेना का मकसद गाजा में घर-घर की तलाशी लेना और वहां छिपे हमास आतंकवादियों को खत्म करना है। इसके लिए इजरायली वायु सेना ने पहले ही पर्याप्त एयरस्ट्राइक कर गाजा की कमर तोड़ दी है। हालांकि, इसके बावजूद भी इजरायल के लिए गाजा में घुसकर जमीनी मिशन को अंजाम देना आसान नहीं बताया जा रहा है। गाजा पट्टी की तुलना वियतनाम से की जा रही है, जिस पर अमेरिका ने जबरदस्त आक्रमण किया था, लेकिन 20 साल के युद्ध में भी वह जीत हासिल नहीं कर सका। वियतनाम में भी सुरंगो की भूलभुलैया थी, जिससे अमेरिकी सेना पार नहीं पा सकी। ठीक वैसी ही सुरंगों का जाल हमास ने गाजा पट्टी में भी बिछाया हुआ है।

गाजा की सुरंगें इजरायल के सामने चुनौती

मंगलवार को इजरायली डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने कहा कि वह गाजा सीमा पर फिर से नियंत्रण पा चुका है, जिसे फिलिस्तीनी हमास के लड़ाकों ने तोड़ दिया था। कुछ लोगों ने इसे इजरायल के लिए एक बड़ी जीत माना, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि दक्षिणी इजरायल के इस हिस्से में बाड़ ही एक मात्र रास्ता नहीं है। वे सुरंगों के जरिए भी गाजा से इजरायल में घुस सकते हैं। इन सुरंगों का इस्तेमाल हमास अपने लड़ाकों, हथियारों और यहां तक कि अन्य प्रतिबंधित वस्तुओं की तस्करी के लिए करता है। ये सुरंगें कहां से निकलती हैं और कहां खत्म होती हैं, उनका पता लगाना बेहद मुश्किल है। कई बार हमास आतंकी किसी घर से सुरंग खोदतें हैं, जो सीमा पार किसी दूसरे घर में खुलती है। ऐसे में ऊपर से भी उनकी निगरानी नहीं की जा सकती है।

हमास ने बिछाया है सुरंगों का जाल

हमास ने इतने वर्षों में हाजा पट्टी में किसी भूमिगत शहर की तरह सुरंगों का एक नेटवर्क बनाया हुआ है। इसका प्रमुख मकसद इजरायल सेना की नजरों से बचकर अपने मिशन को अंजाम देना है। जमीन के ऊपर हमास के लड़ाके हर वक्त इजरायल की नजरों के सामने होते हैं। ऐसे में इजरायल जब चाहे तब उनका शिकार कर लेता है, लेकिन जमीन के अंदर घुसने के बाद उनके बारे में पता लगाना काफी मुश्किल होता है। हालांकि, महत्वपूर्ण बात यह है कि हमास ने इस मॉडल का आविष्कार नहीं किया था; इसे हिज़्बुल्लाह से आयात किया गया था जिसने 1990 के दशक में इज़राइल के हवाई क्षेत्र के प्रभुत्व से निपटने के प्रयास में दक्षिणी लेबनान में एक समान नेटवर्क विकसित किया था।

सुरंगों को बनाने में हिजबुल्लाह ने की है हमास की मदद

इन वर्षों में, हमास ने गाजा पट्टी में लगभग एक भूमिगत शहर की तरह सुरंगों का एक नेटवर्क बनाया है। इसके बाद उन्हें एहसास हुआ कि वे इजरायली सेना की ताकत का सामना नहीं कर सकते। इसलिए, उन्होंने सुरंगों का एक नेटवर्क बनाया, जिससे उन्हें फायदा हुआ। हालाँकि, महत्वपूर्ण बात यह है कि हमास ने इस मॉडल का आविष्कार नहीं किया था; इसे हिज़्बुल्लाह से आयात किया गया था जिसने 1990 के दशक में इजरायल के हवाई हमले से निपटने के प्रयास में दक्षिणी लेबनान में एक ऐसा ही सुरंगों का नेटवर्क विकसित किया था।

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