डूब गया एक और ‘लाल सितारा’ नहीं रहे छात्रों के चहेते नेता अतुल कुमार अंजान”
प्राईम संदेश न्यूज़ से शेखर दत्ता की रिपोर्ट (दंतेवाड़ा)
किरंदुल: भारती कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय सचिव अतुल कुमार अनजान के निधन से वामपंथी कार्यकर्ताओं में शोक की लहर, लखनऊ यूनिवर्सिटी छात्र संघ के अध्यक्ष के रूप में 1977 की राजनीति की शुरुआत करने वाले अतुल कुमार अंजान को वामपंथी राजनीति का बड़ा चेहरा माना जाता था। इन्होंने समाज में एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में भी अपनी पहचान बनाई थी। इन्होंने किसान और श्रमिकों के हितों के लिए बहुत काम किया था। कॉमरेड अतुल स्वतंत्रता के बाद के भारत के इतिहास में सबसे तेजतर्रार छात्र नेताओं में से एक थे। ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन के माध्यम से अपनी सक्रियता की शुरुआत करते हुए कॉमरेड अतुल ने अपने राज्य उत्तर प्रदेश में उग्र संघर्षों का नेतृत्व किया। उन्होंने 1979-85 के दौरान पूरे भारत में कई छात्र आंदोलनों का नेतृत्व किया। का. अतुल कुमार अंजान एकमात्र किसान नेता थे जो स्वामीनाथन आयोग के सदस्य थे। स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट तैयार करने में उनकी भूमिका आधुनिक भारतीय कृषि इतिहास का एक स्वर्णिम अध्याय है। उन्होंने सीपीआई के राष्ट्रीय सचिव और एआईकेएस के महासचिव के रूप में भी काम किया। उनके निधन पर किरंदुल भा.क.पा शाखा सचिव के. साजी, एसकेएमएस किरंदुल के सचिव राजेश संधू, अध्यक्ष देवरायलु, सुदरू राम तेलाम, ईश्वर राव, सन्मुख राव, राधे, आनंदा, महेश पासवान, वाई अनिल, टेकराम, भानमती नाग, रोशन मिश्रा, जग्गू भास्कर, आयतु सोरी शोक व्यक्त करते हुये श्रधांजलि अर्पित की। कल शाम एसकेएमएस कार्यालय में नगर के सभी वामपंथी संघठनों द्वारा श्रंद्धाजलि सभा आयोजित की जाएगी।